Indian Automobile Industry Scope and Analysis (इंडिया में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का स्कोप एंड एनालिसिस)
Indian Automobile Industry Scope and Analysis; May be आप इस बात से अनभिग्न हो कि भारत 2019 में पांचवां सबसे बड़ा ऑटो बाजार की पोजीशन को प्राप्त कर लिया हैं, जिसकी सेल वैल्यू 3.81 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई हैं.
2019 में इंडिया commercial vehicles का सातवां सबसे बड़ा निर्माता था. बढ़ते मध्यम वर्ग और युवा आबादी के कारण टू व्हीलर सेगमेंट बाजार में हावी हैं.
इसके अलावा, ग्रामीण बाजारों की ओर कंपनीयों बढ़ती रूझानों ने Indian Automobile Industry Scope के विकास को बढ़ावा दिया हैं.
भारत एक प्रमुख ऑटो निर्यातक भी है और निकट भविष्य में इसके निर्यात की मजबूत बढ़त की उम्मीदें हैं.
भारत सरकार और भारतीय बाजार के प्रमुख ऑटोमोबाइल प्लयेर्स के द्वारा किए गए कई पहल से 2020 तक भारत के टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर बाजार में अग्रणी बनाने की उम्मीद है.
ऑटोमोबाइल उद्योग का इतिहास हालांकि कई अन्य उद्योगों की तुलना में संक्षिप्त हैं, परंतु 20 वीं शताब्दी पर इसका अत्यधिक प्रभाव है.
19 वीं शताब्दी के अंत में यूरोप में ऑटोमोबाइल की उत्पत्ति हुई थी.
20 वीं सदी के पहले भाग में, बड़े पैमाने पर उत्पादन तकनीकों के आविष्कार कर, संयुक्त राज्य अमेरिका पूरी तरह से विश्व उद्योग पर हावी हो गया.
किन्तु बाद में इसमें तेजी से बदलाव आया क्योंकि पश्चिमी यूरोपीय देश और जापान प्रमुख उत्पादक और निर्यातक बन गए.
Automobile Industry(ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री) का इतिहास
भाप से चलने वाले सड़क वाहनों का उत्पादन पहले किया गया था जिसने ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में एक क्रांति लायी.
मोटर Auto industry की उत्पत्ति 1860 के दशक में, गैसोलीन इंजन के विकास से, मुख्यतः फ्रांस और जर्मनी में हुई.
20 वीं शताब्दी की शुरुआत तक, जर्मन, फ्रांसीसी, ब्रिटिश, इतालवी और अमेरिकी ऑटोमोबाइल निर्माताओं के प्रतिस्पर्धा में शामिल हो गए थे.
आज के तारीख में मॉडर्न आटोमोबाइल इंडस्ट्री का विस्तार बहुत व्यापक है.
संयुक्त राज्य प्रॉडक्शन के कुल मूल्य, और रोजगार प्राप्त करने वाले मज़दूरों की संख्या के मामले में सबसे बड़ा है.
प्रत्येक छह अमेरिकी व्यवसायों में से एक मोटर वाहनों के निर्माण, वितरण, सर्विसिंग या उपयोग पर निर्भर करता है .
Automobile Industry scope in India (इंडिया मेंऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का स्कोप)
आटोमोबाइल मार्केट साइज़ इन इंडिया
फ़ाइनेंशियल इयर 16-20 के बीच डोमेस्टिक ऑटोमोबाइल उत्पादन में 2.36 प्रतिशत सीएजीआर की वृद्धि हुई हैं.
26.36 मिलियन वाहनों का FY20 में देश में निर्माण किया गया जो अपने आप में बड़ी बात हैं.
कुल मिलाकर, डोमेस्टिक ऑटोमोबाइल की बिक्री FY16-20 के दौरान 1.29 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ी हैं.
इस दौरान 21.55 मिलियन वाहनों की बिक्री हुई. घरेलू भारतीय ऑटो बाजार में टू-व्हीलर और पैसेंजरस कार हावी हैं.
छोटी और मध्यम आकार की कारों में पैसेंजर कार की बिक्री अधिक है.
टू-व्हीलर और पैसेंजरस कारों का क्रमश: 80.8 प्रतिशत और 12.9 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी है.
फ़ाइनेंशियल इयर 2020, 20.1 मिलियन से अधिक टू-व्हीलर और पैसेंजरस कारों की संयुक्त बिक्री के लिए जिम्मेदार है.
कुल मिलाकर, ऑटोमोबाइल का निर्यात FY2014 में 4.77 मिलियन वाहनों तक पहुंच गया.
ऑटोमोबाइल का निर्यात FY2016- 20 के दौरान 6.94 प्रतिशत के सीएजीआर से आगे बढ़ रहा है.

मार्केट ग्रोथ इन ऑटोमोबाइल सैक्टर

टू-व्हीलर का एक्सपोर्ट 73.9 प्रतिशत हुआ है, इसके बाद पैसेंजरस कारों का 14.2 प्रतिशत, थ्री-व्हीलर वाहनों का 10.5 प्रतिशत और कमर्शियल वाहनों का 1.3 प्रतिशत एक्सपोर्ट हुआ है.
भारत में ई-रिक्शा को छोड़कर ईवी की बिक्री में 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई हैं.
टू-व्हीलर वाहनों द्वारा संचालित FY20 में यह 1.56 लाख इकाई तक पहुंच गई.
भारत में प्रीमियम मोटरसाइकिल की घरेलू बिक्री में सात गुना वृद्धि दर्ज की गई, जो अप्रैल-सितंबर 2019 के दौरान 13,982 इकाई तक पहुंच गई.
2019 के पहले छह महीनों में लक्जरी कारों की बिक्री 15,000 से 17,000 के बीच रही.
इकोनोमिकल एंड सोश्ल इम्पॉर्टेन्स ऑफ ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री औद्योगिक देशों की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण तत्व हैं.
मोटर वाहन उत्पादन और बिक्री इनकी अर्थव्यवस्था के प्रमुख सूचकांक में से एक है. Read it also: A DETAILED PROCESS ABOUT ‘HOW TO AVAIL THE TWO WHEELER BIKE LOAN ALSO IT’S BENEFITS”
अन्य उद्योगों पर मोटर वाहन निर्माण का प्रभाव बहुत शानदार है.
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यदि हम अमेरिकी की बात करें तो, इसके स्टील उत्पादन का लगभग पांचवां हिस्सा और इसके रबर उत्पादन का लगभग तीन से पांचवां हिस्सा मोटर Auto industryमें जाता है, जो मशीन टूल्स का सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है.
इसके अलावा मोटर वाहन के बड़े पैमाने पर उत्पादन की विशेष आवश्यकताओं ने अत्यधिक विशिष्ट मशीन टूल्स के डिजाइन और विकास पर गहरा प्रभाव डाला है.
पेट्रोलियम रिफाइनिंग, स्टीलमेकिंग, पेंट और प्लेट-ग्लास निर्माण और अन्य औद्योगिक प्रक्रियाओं में तकनीकी विकास को प्रोत्साहित किया है.
Analysis of Covid-19 effect on Automobile industry(एनालिसिस ऑफ कोरोना वायरस इफैक्ट ऑन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री)

दुनिया भर में कोरोना का असर प्रतिदिन बढता जा रहा है. कोरोनावायरस से सम्पूर्ण विश्व में दहशत का माहौल है.
इसका प्रभाव मोटर Auto industryपर भी पड़ा है.
इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री लगभग एक साल से वित्तीय संकट का सामना कर रहीं हैं.
Covid-19 ने आर्थिक मंदी की इस स्थिति को और भी अधिक जटिल कर दिया हैं.
एक्सपर्ट का मानना था कि आने वाले फ़ाइनेंशियल इयर में इस क्षेत्र में सुधार देखने को मिल सकता हैं.
लेकिन कोरोना वायरस की वजह से फिलहाल इस वित्तीय संकट से निकलने उम्मीद कम नजर आ रही हैं.
रॉ मटेरियल की आपूर्ति पर प्रभाव
इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का करीब 10 प्रतिशत रॉ मटेरियल पड़ोसी देश चीन से इम्पोर्ट किया जाता है.
चीन में कोरोना वायरस के प्रभाव कि वजह से ऑटो इंडस्ट्री प्रभावित हो सकता हैं.
इस तथ्य को सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (सियाम) ने उजागर किया है.
इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने चीन से शुरुआती साल में काफी मात्रा में रॉ मटेरियल इम्पोर्ट किया था.
लेकिन Covid-19 ने ऑटो इंडस्ट्री के लिए जटिल समस्याएँ पैदा कर दी हैं.
अगर हम जानकारों की बात मानें तो Covid-19 की वजह से BS6 वाहनों की सप्लाई प्रभावित होने की संभावना है.
वाहन के पार्टस की चीन से आपूर्ति बाधित होने की वजह से टू-व्हीलर, थ्री व्हीकल, पैसेंजर व्हीकल, कॉमर्शियल व्हीकल और इलेक्ट्रिक व्हीकल समेत कई उत्पादों पर असर पड़ सकता हैं.
वाहन निर्माताओं की ओर से कच्चे माल की जरुरत को पूरा करने के लिए डोमेस्टिक लेवल पर दूसरे विकल्पो की तलाश जारी है लेकिन जाहीर हैं, इसमें काफी वक्त लग सकता हैं क्योंकि इन डोमेस्टिक उत्पादों को रेग्यूलेटरी फ्रेमवर्क के मापदंड से भी गुजरना होगा.
रेग्यूलेटरी टेस्टिंग से लेकर फ़ाइनल प्रॉडक्ट निर्माण की यह एक लंबी प्रक्रिया हैं.
इसलिए ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री कुछ नए प्रस्तावों के साथ केंद्र सरकार से बात-चित की प्रक्रिया में है ताकि इस समस्या को जल्द-से-जल्द सुलझाया जा सके.
Conclusion
मोटर वाहन के बिना वर्तमान के युग की कल्पना भी असंभव है.
इसके आगमन से समय कि बचत के साथ साथ एक आरामदायक यात्रा का आनंद भी मिलता हैं.
इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं हैं कि मोटर वाहन यातायात के साधन का एक महत्वपूर्ण अंग बनकर उभरा है जिसने मानव विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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